Wednesday, July 7, 2021

Akbar Ali

  




एक मसीहा ऐसा भी.....

लम्हों की ज़िंदगी में सदियों का जी गया.....

डॉक्टर अकबर अली, 

     हर इंसान का दुनिया में आना और जाना तय है, लेकिन यह कोई नहीं जानता है कि कौन कब आयोगा और कब जाएगा। आने जाने का तो पता नहीं लेकिन यह आने जाने के बीच की हमारी ज़िन्दगी हमारे ऊपर होती है कि हम इसको कैसे गुज़ारें। अक्सर हम अपनी ही उलझनों में उलझे रह जाते हैं। सही-गलत, नेकी-बदी इन सब चीज़ों को नज़रंदाज़ कर जाते हैं। 

       लेकिन आज भी दुनिया में कुछ ऐसे लोग हैं जो बहुत सारी बातों के साथ एक बात जो कि बहुत ज़रूरी है। याद रखते हैं, और वह है नेकी। 

     नेकी को आज हमने बहुत आम कर दिया है। जब की नेकी बहुत खास होनी चाहिए। नेकी वह नहीं जो दुनिया देखती है। बल्कि नेकी वह है जो सिर्फ खुदा देखे। क्योंकि नेकी वह है जो बंदे को खुदा से जोड़ती है।

       डॉक्टर और शिक्षक यह दो ऐसे नाम और काम हैं जिसमें नेकी और कमाई दोनों होती है। बस यह हमारे ऊपर होता है कि हम क्या-क्या कमाएं।

        डॉक्टर अकबर अली पेशे से डॉक्टर थे। लेकिन अपने पेशे से जितनी ईमानदारी करते थे यह हम में से शायद बहुत कम लोग ही जानते होंगे। आज जब डॉ अकबर अली साहेब हमारे बीच नहीं रहे तब बहुत सारी बातें जो कि हम उनके जीते जी नहीं जान पाए थे। वे आज उनके इंतेकाल के बाद हमको मालूम हो रही है। 

          मालूम हुआ कि डॉ अकबर अली ने एक अस्पताल को अपनी ज़िन्दगी के तीस साल दे दिये। जहां पर वह किसी भी काम के लिए किसी भी तरह का पैसा नहीं लेते थे। यह बहुत ही चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जिसे सुनकर शायद हर कोई सिर्फ डाक्टर साहेब पर रश्क कर सकता है। मगर अफसोस आज हम उनके इस काम के लिए उनको मुबारक बाद नहीं दे सकते। डॉक्टर साहेब ने अपने पेशे को अपना ज़रीया-ए-मआश से साथ-साथ इबादत भी बना लिया।

      डॉक्टर साहेब ने इंसानियत की जो मिसाल पेश की है वह हमारे और आने वाली नस्लों के लिए एक बेहतरीन मिसाल है। जिसके बिना पर हम आने वाली ज़िन्दगी को बेहतर तरीके से जी सकें।

     आज डाक्टरी जैसा मसीहाई पेशा जो रूप धारण कर चुका है वह बताने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन डॉक्टर अकबर अली जैसे लोगों की वजह से ही शायद आज दुनिया में अच्छाई ज़िंदा है। वरना आज ज़िन्दगी बचाने की लालच में हर दिन इंसानियत मर रही है। 


ज़िन्दगी रहते तो जी लेता है हर कोई दुनिया में

मौत के बाद दो-जहां जीने वाले हैं कम।

 


Tuesday, March 30, 2021

2021 | 2022 | 2021 New year | 2021 Life

  


दस्तक......

ज़िन्दगी गुज़र रही थी ऐसी कि जैसी हम चाहते ना थे। हंस-बोल रहे थे हम, खा-पी भी रहे थे हम। मगर कुछ अंदर का डर जो बाहर भी दिख रहा था। और फिर हम इंतेज़ार करने लगे किसे ऐसे का जो हमारी मुश्किल को दूर कर दे। और फिर तुम्हारे आने की आहट सुनाई दी। और हम इन्तेज़ार करने लगे तुम्हारी दस्तक का। क्योंकि तुम्हारी आहट हमको मिल गयी थी की तुम आने वाले हो। पता नहीं क्यों तुम्हारा ख्याल आते ही एक खुशी एक उम्मीद मन में जाग जाती थी। 

ज़िन्दगी में बहुत सारी परेशानी थी मगर कुछ आसानी भी थी। ज़िन्दगी बहुत अच्छी तो नहीं मगर बुरी भी नहीं गुज़र रही थी। हम सब साथ रहे थे। मगर एक खालीपन था। 

और फिर तुम्हारी वह आहट। हम तुम्हें अपने पास बुलाना चाहते थे। हम तुम्हारे साथ रहना चाहते थे। हम जीना चाहते थे तुम्हारे साथ। मगर हम को इंतेज़ार करना था तुम्हारा। क्योंकि तुम को आने में कुछ वक्त था। और हमको उस वक्त का इंतेज़ार था जब तुम आओगे। 

हम तुम्हारा स्वागत बहुत धूमधाम और हर्सोल्लास के साथ करना चाहते थे। मगर हम डर रहे थे। उस अनहोनी से जो पीछे हमारे साथ हो चुकी थी। हमको वह वक्त अभी भी याद है जब हमने उसका स्वागत बहुत ही जोश और खुशी से किया था। हमें उम्मीद थी कि वह हमारा साथ निभायेगा। मगर वह हमारे सोच के खिलाफ निकला। वह वैसा नहीं था जैसा हम चाहते थे। उसने हमारी ज़िन्दगी के हर पन्नों को उलट-पुलट कर दिया। और हम चाहते हुए भी कुछ ना कर सके। और हमें ना चाहते हुए भी उसके साथ रहना पड़ा।

और फिर वह हमारी ज़िन्दगी से धीरे-धीरे दूर होने लगा। हमको भी अब उसकी चाहत ना थी कोई। इसलिए हमने उसकी दूरी को महसूस नहीं किया। क्योंकि हमें तो तुम्हारा इंतज़ार थे। और हम तुम्हारा इंतज़ार बड़ी ही शिद्दत से कर रहे थे। 

क्योंकि तुम्हारे आने की आहट हमको मिल गयी थी। और हम इंतेज़ार कर रहे थे। तुम्हारी दस्तक का। 

और फिर इंतेज़ार ख़त्म हो गया। क्योंकि आज तुम हमारे साथ हो। तुमने दस्तक दे दी है हमारी ज़िन्दगी में। और तुम्हारी इस दस्तक का हम दिल से स्वागत करते हैं। और हम चाहते हैं कि हमारा और तुम्हारा साथ खुशियों भरा हो। हम दोनो मिलकर ज़िन्दगी की एक नई इबारत लिखें। तुम हमें इतनी खुशी दो कि हम उन बुरे दिनों को भूल जाएं। जो कभी हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा था। 

हम भूल जाएं ज़िन्दगी के हर दुख हर परेशानी। अब हमारी ज़िन्दगी में कोई दुख कोई परेशानी ना रहे। 

अब रहें तो सिर्फ़ मुहब्बत खुशी और सुकून और साथ रहें हम और तुम।

ऐ 2021 तुम्हारे पीछे नाजाने कितने आये और चले गये साल। कोई हमारे साथ हमेशा नहीं रहा। मगर कहते हैं ना यादें बड़ी हसीन होती हैं। हर साल अपने पीछे कुछ अच्छी यादें, तो कुछ बुरे लम्हे, ज़िन्दगी के तजुर्बे और बहुत सारी सीख हमको दे जाते हैं।

 हमें यकीन है कि हम तुम साथ बहुत खुश रहेंगे। हम यह भी नहीं कहते कि तुम सदा हमारे साथ रहो। मगर हम चाहते हैं। तुम हमारे साथ जितने दिन भी रहो। हमें खुशी और सुकून दो। 

Happy New year