रिक्शेवाले.....
कोशिश करके थक गयी वह
हार के घर जा रही थी वह
मन में निराशा,आंख में आंसू
बोझल मन से रिक्शे पे बैठी
रिक्शा चला, और आगे बढ़ा जो
अपनी निराशा और थकन को
भूल के वह बस तकती रह गई
एक बुजुर्ग की वह मेहतन
जो रिक्शा चला कर हो रही
लेकिन फिर भी मेहनत वह
करना उनकी मजबूरी है
ऐसा कैसे सोच यह हम ले
क्योंकि समझें हम मजबूरी जिसको
मजबूरी को फ़र्ज़ समझ कर
करना उनकी आदत है।
पहुंचे जब तक हम घर तक
मन की निराशा छट गई थी
उम्मीदों की एक किरण को
रिक्शे वाले ने जला फिर दी
कोशिश करना तब तक है
कामयाबी ना मिल जाए जब तक की
#Little_Star
हार के घर जा रही थी वह
मन में निराशा,आंख में आंसू
बोझल मन से रिक्शे पे बैठी
रिक्शा चला, और आगे बढ़ा जो
अपनी निराशा और थकन को
भूल के वह बस तकती रह गई
एक बुजुर्ग की वह मेहतन
जो रिक्शा चला कर हो रही
लेकिन फिर भी मेहनत वह
करना उनकी मजबूरी है
ऐसा कैसे सोच यह हम ले
क्योंकि समझें हम मजबूरी जिसको
मजबूरी को फ़र्ज़ समझ कर
करना उनकी आदत है।
पहुंचे जब तक हम घर तक
मन की निराशा छट गई थी
उम्मीदों की एक किरण को
रिक्शे वाले ने जला फिर दी
कोशिश करना तब तक है
कामयाबी ना मिल जाए जब तक की
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