Sunday, August 30, 2020

Rickshe wale |





रिक्शेवाले.....

कोशिश करके थक गयी वह
हार के घर जा रही थी वह
मन में निराशा,आंख में आंसू
बोझल मन से रिक्शे पे बैठी
रिक्शा चला, और आगे बढ़ा जो
अपनी निराशा और थकन को
भूल के वह बस तकती रह गई
एक बुजुर्ग की वह मेहतन
जो रिक्शा चला कर हो रही
लेकिन फिर भी मेहनत वह
करना उनकी मजबूरी है
ऐसा कैसे सोच यह हम ले
क्योंकि समझें हम मजबूरी जिसको
मजबूरी को फ़र्ज़ समझ कर
करना उनकी आदत है।
पहुंचे जब तक हम घर तक
मन की निराशा छट गई थी
उम्मीदों की एक किरण को
रिक्शे वाले ने जला फिर दी
कोशिश करना तब तक है
कामयाबी ना मिल जाए जब तक की


#Little_Star

Chadwick Boseman | चैडविक बोसमेन |

 








Little_Star | Life | Love Poetry | Sad Poetry |





मैं और वह


कभी खामोश रहती थी कभी वह रूठ जाती थी
मेरी बातों से ‌वह अक्सर बहुत ही टूट जाती थी

कभी मैं सोचता ही रह जाता और वह कर गुज़रती थी
मेरी आदत पे वह अक्सर बहुत अफसोस करती थी

कभी आती जो मुश्किल तो वह मज़बूत हो जाती 
मेरी कमज़ोरियों पे अक्सर वह बहुत गमगीन हो जाती

कभी करते मुहब्बत हम यह बातें वह ही कहती थी
मेरे अब के रवैए पर वह अक्सर रो भी देती थी

कभी जिससे हमारे हर तरफ खुशियां ही रहती थी
हज़ारों गम उसे देकर भी मैं अक्सर शाद रहता था

कभी करते बहुत परवाह ऐसा वह ही कहती थी
मेरी बेपरवाहियों से अक्सर वह बहुत मायूस हो जाती

कभी पीसी कभी टीवी कभी फोन पर ही मैं
लगा रहता मज़े लेता और खुश हो रहा होता

कभी कहता था उसको जान मगर फिर भी मैं
उन्हीं बेजान चीजों में मैं अपना वक्त गंवाता था

कभी खाना वह खाती थी मेरे रहते भी तन्हा वह
मैं अब तन्हा बहुत उसकी तन्हाई याद करता हूं

कभी बाहों के तकिए को तरसती वह बहुत रहती
मेरी आगोश अब अक्सर उन्हें फिर याद करती हैं

कभी समझा नहीं उसको कभी ना वक्त दिया उसको
मेरी नज़रें मेरा दिल चाहता अब अक्सर उससे मिलने को

कभी वह थी मगर हमने दिया उसको ना साथ अपना
अभी अक्सर ना जाने क्यूं मेरा दिल साथ तेरा चाहे

कभी जिससे वफा ना कि कभी जिसकी ना कि परवाह
मेरी नज़रें उसे अक्सर ना जाने खोजती क्यूं हैं

कभी रहती थी मेरे पास मेरा साया सा बन कर जो
वह अब अक्सर मुझे मिलने ख्वाबों में भी नहीं आती

कभी जीती थी वह मर-मर के और मैं खामोश रहता था
वह अब मर के भी ज़िंदा है और मैं जी के भी मरता हूं

कभी कोई सितारा आसमां पर जब भी दिखता है
मुझे अपना सितारा वह बहुत फिर याद आता है

-Little-Star












Sunday, August 16, 2020

When was the first search engine invented?

The first few hundred web sites began in 1993 and most of them were at colleges, but long before most of them existed came Archie. The first search engine created was Archie, created in 1990 by Alan Emtage, a student at McGill University in Montreal.

How many people in the world are over 100 years old?

A growing number of Americans are living to age 100. Nationwide, the centenarian population has grown 65.8 percent over the past three decades, from 32,194 people who were age 100 or older in 1980 to 53,364 centenarians in 2010, according to new Census Bureau data.