Friday, July 31, 2020

Wednesday, July 29, 2020

Kahan Se Kahan | Unlock Stories | Unlock Poetry | Lockdown Poetry | लॉकडाउन की हकीकत | लॉकडाउन से अनलॉक तक क्या हुआ | Lockdown To Unlock | लॉकडाउन से अनलॉक तक | Little_Star



कहां से कहां






कहां कि वक्त नहीं था आज के लिए
कहां की हर आज यूं ही कल हो रहा
कहां कि फ़िक्र थी हर आने वाले कल की
कहां कि हर रोज़ गुज़रा हुआ कल हो रहा
कहां कि फुरसत नहीं थी रूकने की
कहां कि ठहर गयी ज़िन्दगी सब की
कहां कि हम रोज़ कमाते थे खाने के लिए
कहां कि हर रोज़ खा रहे हैं मगर बिना कमाये ही
कहां कि हम परेशान रहते थे कपड़े और ज्वेलरी के लिए
कहां कि दो कपड़ों में गुज़र रही ज़िन्दगी सबकी
कहां कि रोज़ मिलते थे यारों से अज़ीज़ों से
कहां कि मिलना-मिलाना एक ख्वाब हो गया
कहां कि तरसते थे एक छुट्टी को पाने के लिए
कहां कि राहे बना रहे छुट्टी की छुट्टी करने के लिए
कहां कि तरस रहे थे अपनों के लिए घर के लिए
कहां कि वह अपने ही कह रहे काम पे जाने के लिए
कहां कि शिकायत थी सबको कि हम देते नहीं वक्त
कहां कि आज सबको यही वक्त अखर रहा है
कहां कि वह एक झप्पी भुलाती थी वह दुख सारे
कहां कि वह झप्पी अब डर जो है कोरोना का
कहां कि बिना मिले दोस्तों से दिन नहीं कटता
कहां कि दोस्तों से बिना मिले ही जी रहे हैं हम
कहां कि बहुत कुछ था कभी पाने के लिए
कहां कि आज हर दिन ही कुछ खो रहे अपना
कहां कि तरसते थे हम घर में रहने के लिए
कहां कि बेचैन हैं बहुत घर से निकलने के लिए
कहां कि लॉंग ड्राइव एक आदत में शामिल था
कहां कि दो कदम चलते भी डर लगता है
कहां कि एक रूटीन थी कभी दिन महीनों की
कहां कि वह आदत अब और कहां की वह दिनचर्या
कहां कि बहुत थक जाते थे कामों को करते-करते
कहां कि तरस रहे हैं कामों को करने के लिए
कहां कि नींद भर सो नहीं पाते थे काम की वजह से
कहां कि आज जाग रहे हैं कामों की फ़िक्र में 
कहां कि सबको शिकायत सभी से थी 
कहां कि आज सबको शिकायत है वक्त से
कहां कि हम सोचते थे हम चल रहे वक्त के साथ
कहां कि आज वक्त यूं ही अकेला ही चल रहा

-Little-Star









Wednesday, July 15, 2020

Emoji Life | Digital Love | Online Life |


इमोजी लाइफ.....


यह दौर नहीं है खत का शायद
Message का ज़माना है
Fb और insta की कहानी है
मैसेज लिखते हैं मुहब्बत का वह
और कर देते हैं delete all  भी
आज वह कहां और तुम कहां
हर तन्हाई का साथी है यहां
याद उनकी जो आ जाए कभी
WhatsApp और messenger है ना
बातें वह जो दिल की है हो जाती यहां अक्सर
कभी voice तो कभी video call से
कहने को तो हर बात ही हो जाती है मुकम्मल
कहना ना यहां हम को कुछ भी ना अगर हो
है रास्तें और भी इन सब के सिवा
हर बात की हर सोच की हर याद की यहां
हर चीज़ की हर फेस की हर काम की यहां
है नाम यहां उसका Emoji कभी smiley
है नाम तो इमोजी मगर काम बहुत हैं
एक बात जो कहना है तो सौ रास्ते यहां
हूं सोचती फिर भी मैं यह बातें अक्सर
हर काम मुकम्मल है हर बात मुकम्मल
करना जो कभी चाहें, बातें वह कभी मन की
लफ़्ज़ों की कमी जब हो कहना भी ज़रूरी हो
हो बात जो कुछ कहना कह फिर भी ना पाते हो
ऐसे में इमोजी ही फिर साथ निभाता है
यह सच है मुहब्बत की Emoji है बहुत लेकिन
जो बात रहती है काग़ज़ पे कलम से लिख कर के
वह बात नहीं लेकिन message की लिखावट में
वह बात नहीं रहती इमोजी की इमोजी में
वह खत तो सदा रहते यादों में निगाहों में
Message तो बहुत जल्दी हो जाते clear chat
काग़ज़ के वह खत तो संजोय बहुत जाते
है आज ना मुहब्बत वह और ना वह ज़माना
है आज बहुत जल्दी जीने के तरीके हैं
है आज मुहब्बत जो हो जाती बहुत जल्दी
और फिर यह मुहब्बत है टूट भी जाती है
है आज कहां रिश्ते और बात कहां की वह निभाना
फुर्सत कहां किसको रिश्तों को बनाने की
फुर्सत कहां हमको रिश्तों को निभाने की

-Little-Star



Tuesday, July 14, 2020

Ek Yeh Sadi Ek Woh Sadi | Waqt | COVID-19 | Little _Star





एक यह सदी एक वह सदी........

👁️  कहते हैं हर ज़माना लौट के आता है। मगर ज़रा बदलाव के साथ।

 🎲  फिर चाहे वह कपड़ों का हो, खाने का हो या फिर आप के किये कर्म का हो। हर वक्त लौट के आता है। यह याद दिलाने के लिए की यह काम पहले भी हो चुका है।

🗝️ अब हम जो बात कह रहे हैं वह ज़्यादा दूर की नहीं बल्कि हमारे आस-पास हो रहे कामों को देख कर कह रहे हैं।

🔐 लॉकडाउन की वजह से जब लोगों का काम धंधा लगभग बंद हो गया। अगर कुछ चल रहा था। तो वह थी खाने-पीने की दुकान जैसे-अनाज, फल, दूध, सब्ज़ी आदि।

💀 तब फिर एक दौर शुरू हुआ। इन्हीं सब चीजों की दुकान खुलने का। और फिर देखते-ही-देखते हर रोज़ हर गली मुहल्ले या यूं कह लें कि हर घर में एक दुकान खुलने लगी। और हर दूसरा आदमी फल सब्ज़ी और किराना की दुकान खोलने लगा। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई। क्योंकि इसी के साथ-साथ हर घर में पके हुए खाने, फास्ट-फूड, बिरयानी पराठों से लेकर अचार पापड़ तक का मीनू Social Networking के जरिए से सामने आने लगा। जो कि बहुत ही मुनासिब दाम में और साथ ही साथ होम डिलीवरी की सुविधा के साथ।

📈 जिन कामों को कभी हम ऐब समझते थे वह आज हुनर हो गया।

😯 हर रोज़ एक नये लोग का वही काम जो बहुत सारे लोग पहले ही शुरू कर चुके थे। सामने आ रहा था। और हमारी नज़रों में किसी ज़माने का मंज़र जो कभी किताबों में पढ़ा था। और अपने बड़े बुज़ुर्ग से कभी किसी ज़माने में किसी ज़माने की बातों को सुना था।




👣 वह बातें जिसे हम इतिहास कहते थे। वही इतिहास हमारे सामने था। कि किसी ज़माने में लोग किस तरह ज़िन्दगी गुज़ारते थे।जब हर कोई खेती बाड़ी करता था। कोई कुछ उगाता था तो कोई कुछ। और फिर जिस को जिस चीज़ की ज़रूरत होती थी। तो लोग सामान के बदले सामान देकर सामान लेते थे। जैसे कोई चावल की खेती करता था। और उसको सब्ज़ी की ज़रूरत होती थी। तो वह चावल देकर सब्ज़ी लेता था। इसी तरह और भी बहुत सारे सामानों का आदान-प्रदान करके लोग अपनी ज़िंदगी गुज़रते थी।






👣 ठीक वही माहौल आज भी दिख रहा है। क्योंकि आज हर कोई ज़रूरत का सामान बेच रहा है। और वक्त वही दिख रहा है कि किसी को प्याज़ चाहिए तो वह तेल देकर प्याज़ ले सकता है और कोई आलू देकर समोसे ले सकता है या यूं कह लें कि कच्चा सामान देकर पका हुआ खाना भी ले सकता है।






✨  कहां कि हम आसमानों तक पहुंचने की बात करते थे। चांद पर पहुंच कर फख्र करते थे। बड़े-बड़े ईजाद को हमने अपने नाम कर लिया।

☔ होने वाली बारिश और आने वाली गर्मी को पहले से बता कर हम ने खुद को किया से किया समझ लिया था।

🌹 हम भूल गये थे कि हमारे ऊपर भी कोई है। जो हम सब के हर अम्ल हर सोच को देख रहा है। हम इबादत भी करते थे तो यूं कि बस अदा हो जाए। कबूल की फ़िक्र किसको थी। हम तो अपने दिमाग अपनी सोच और अपनी Business Strategy  पर फख्र करते थे।







♠️ और फिर कोरोनावायरस के रूप में कुदरत का एक अनदेखा सा दिखने वाला वाइरस ने सबको हिला कर रख दिया।

🌍 आज इंसान बड़ा बेबस व मजबूर दिख रहा है। बहुत सारी जानकारी और पहुंच के बावजूद इंसान के अंदर का डर उसके चेहरे पर दिख रहा है। और इंसान उससे बचने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। 


🚲  कोरोनावायरस दुनिया को घूमता हुआ हिन्दुस्तान की तरफ बढ़ा। और हिन्दुस्तान में कोरोनावायरस की आहट सुनाई दी।
 
📢 और फिर 22 मार्च को कोरोनावायरस के चलते जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ।

🔐  और फिर कोरोनावायरस के बड़ते कदमों को रोकने के लिए 24 मार्च को अचानक से 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान हो गया।

😯 हर कोई हैरत में पड़ गया यह किया हो गया।

📻  हर किसी ने यह जानने के लिए कि इस लॉकडाउन में क्या होगा। और कैसे होगा। जानने के लिए खबरों पर ध्यान देना शुरू किया।

📺 खबरों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कोई कहीं आ जा नहीं सकता। सभी स्कूल कालेज सरकारी और प्राइवेट आफिस दुकान सब बंद रहेंगे।

✈️ यहां तक कि हवाई जहाज़, ट्रेन सब बंद रहेगा।

🌶️  खाने-पीने का सामान मिलता रहेगा।

🍒 रोज़ एक खास वक्त में ज़रूरत के सामान जैसे अनाज, फल, सब्ज़ी और दूध मिलते रहेंगे।

🏡 हर कोई घर में कैद हो गया।

🥮 सारे होटल, मॉल्स बंद हो गये।

😛 और फिर अचानक से लोगों में एक खुशी की लहर दौड़ गई।

🏠 हर कोई खुश और उत्साहित था। कि चलो इसी बहाने कुछ दिन घर में रहने का मौका मिल गया। हर कोई परिवार के साथ था। और खुश था।

🍜 कोई घर से बाहर जा नहीं सकता था। बाहर का खाना घर में आ नहीं सकता था। इस लिए घरों में ही पकवान बनने लगी। रोज़ नये नये खाने बनाना और उसकी फोटो शोशल नेटवर्किंग साइट्स पर डाले जाने लगी। हर तरफ एक अलग ही माहौल था। हर तरफ खुशी और उल्लास का समां था। यूं जैसे किसी को कोई दुख कोई परेशानी नहीं। ऐसा लग रहा था कोरोना कोई बीमारी नहीं बल्कि मसीहा बन कर आया है।

🤓 वह बड़े बिज़नेस मैन, बड़े-बड़े इंस्टीट्यूट चलाने वाले जो कभी वक्त की कमी की वजह से परिवार को वक्त नहीं दे पाते थे। वह अब हर वक्त परिवार के साथ थे। और सब खुश थे। बड़े-बड़े लोग बड़ी ही शान से घर में झाड़ू लगाने और झूठे बर्तन को धोते और बड़े ही शान से अपने इन सब कामों को करने की फोटो Facebook और Instagram पर अपलोड करते। और लोगों की वाहवाही लूटते। क्योंकि कोरोनावायरस एक संक्रमित बामारी थी। इस की वजह से सब के नौकर और काम वाली बाई की भी छुट्टी थी। कोई भी नौकर मुलाज़िम को काम पर नहीं बुला सकता था। 

🔐 वक्त बीतता रहा। कोरोनावायरस के केस बड़ते रहे, लॉकडाउन बढ़ता रहा। लोगों की खुशी फ़िक्र में बदलने लगी। जमा पैसे खत्म होने लगे। लोगों को काम की फ़िक्र शुरू हो गयी। नौकरियों से unpaid leave मिलने लगी।

😣 घर परिवार का माहौल बदल गया। कुछ दिन पहले जहां खुशी का माहौल था। वहां आज फ़िक्र और परेशानी का माहौल था।





👀 और फिर इस कोरोना काल ने हम को बहुत कुछ सिखा दिया।
मुश्किलें बहुत है। लेकिन हम उन मुश्किलों से लड़ रहे हैं। मुश्किलों ने हमको लड़ना सिखा दिया। मुश्किलों ने हमारी सोच को बदल दिया। इस कोरोना काल हम वह सिख गए। जो हम बड़ी फीस देकर बड़े-बड़े इंस्टीट्यूट में नहीं सीख सकते थे। 

♟️ बात वक्त की हो और वक्त कोई सीख ना दे। ऐसा वक्त कभी आया नहीं है। लेकिन यह वक्त बहुत बड़ी सीख दे गया। 'बड़े छोटे' का फर्क और 'ऊंच-नीच' का भेद मिटा गया। 'अच्छे-बुरे' का फर्क बता गया। और 'लोग क्या कहेंगे' यह गम मिटा गया।

🔌 यह वक्त मुश्किल बहुत है। लेकिन जिस ने इस वक्त से सबक ले लिया। वह कभी भी हार नहीं सकता। इस लिए इस वक्त को एक इम्तेहान की तरह लें। और इस इम्तेहान में पास होने के लिए हर मुमकिन कोशिश करें। आप पास ज़रूर होंगे यह हमारा नहीं वक्त का वादा है।

🕚 मुश्किल की घड़ी है। लेकिन कुछ है जो चल रहा है। और वह है वक्त और हमारी सोच। 

 🕴️रूकें हैं तो हम सिर्फ हम।

-Little-Star








         











Sunday, July 12, 2020

Amitabh Bachchan tests positive for Coronavirus| Abhishek Bachchan| Little_Star









अमिताभ बच्चन हुए कोरोना पाज़िटिव रेखा का बंगला हुआ सील, कल रात की यह बात सुन पढ़ कर हर किसी की जिज्ञासा का यह आलम था कि जैसे कोई नयी फिल्म रिलीज़ हो गई है और हर किसी को इस फिल्म की कहानी जानने की जल्दी थी। कि यह किस्सा क्या है।

और फिर हकीकत का पता लगते-लगते भी फसाना मशहूर हो चुका था। कि अमिताभ बच्चन कोरोना पाज़िटिव और रेखा का बंगला सील कर दिया गया है।

जब कि हकीकत कुछ और ही थी और वह हकीकत यह थी कि जिस दिन अमिताभ की रीपोर्ट पाज़िटिव आई उसी दिन रेखा के गार्ड की भी रीपोर्ट पाज़िटिव आई। और दोनों बातें इस तरह से शोशल मीडिया पर चलने लगीं जैसे कोई बहुत बड़े खज़ाने का राज़ पता चल गया हो। और राज़ भी ऐसा कि हर कोई इस राज़ को हर किसी को जल्द से जल्द बताना चाहता हो।





लेकिन यह बात बहुत ही अफसोस और गलत है कि किस तरह बड़ी ही आसानी से एक बात को किस्सा बना देते हैं यह जाने बिना कि हकीकत क्या है।

अमिताभ और रेखा की बातें किसी ज़माने में किसी फिल्म की कहानी से ज़्यादा चर्चा में रहती थी। यहां तक कि यह किस्सा भी मशहूर है कि रेखा अपनी मांग में अमिताभ बच्चन के नाम का ही सिंदूर लगाती हैं।

लेकिन कल की बात और आज की बात में बहुत फर्क है। आज अमिताभ बच्चन अगर दादा और नाना के पदवी के साथ किसी के ससुर भी हैं। और कोई समझदार इंसान अपने रिश्ते और मर्यादा को बखूबी समझता है।

अब अगर अमिताभ बच्चन के कोरोना पाज़िटिव होने की बात है तो हम यह बात आप को बता दें कि इस बात की जानकारी खुद अमिताभ बच्चन ने अपने ट्विटर अकाउंट से दी कि उनकी कोरोना की जांच पाज़िटिव आई है। और वह नानावती अस्पताल में भर्ती होने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि फ़िक्र की बात नहीं है आप सब दुआएं करें ।





और फिर अमिताभ बच्चन के कोरोना पाज़िटिव की बात को सही होने के थोड़ी ही देर बाद एक और खबर चलने लगी कि अभिषेक बच्चन की रिपोर्ट भी पाज़िटिव आई है। और अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन दोनों नानावती अस्पताल ऐडमिट होने के लिए जा रहे हैं।



बात बहुत ही फ़िक्र थी लेकिन इन बातों को लेकर जो-जो बातें सामने आयीं उन बातों को सुनकर अफसोस भी हुआ और गुस्सा भी आया। क्योंकि एक तरफ जहां अमिताभ बच्चन के फैन दुख में दुआ और फ़िक्र कर रहे थे कि जल्द से जल्द अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन ठीक हो जाएं वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इस को पब्लिसिटी स्टंट बता रहे थे। कि चर्चा में बने रहने और लोगों की सहानुभूति के लिए बिग बी यह सब कर रहे हैं।

आज पूरी दुनिया कोरोनावायरस की चपेट में है आज हर इंसान चाहे वह खास हो या आम इस बीमारी में मुब्तिला है। हां यह अलग बात है कि आज हज़ारों लाखों लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं। मगर कोई याद नहीं रखता। और कोई नामचीन हस्तियां का नाम किसी बात में आ जाए तो चर्चा फ़िक्र और बहस सब शुरू हो जाती है। 




अक्सर हम बहुत जल्द किसी को जज कर लेते हैं यह सोचे बिना कि हम जिस के बारे में बात कर रहे हैं वह किस मुश्किल दौर से गुज़र रहा है। और हमारी बातें किसी के दुखों को और बड़ा सकती हैं। यह सच है कि कोई किसी के दुख को कम नहीं कर सकता लेकिन हमको यह हक किसी ने नहीं दिया कि हम किसी के दुखों को बढ़ा दें। और आज हम यह कामना करते हैं कि यह कोरोना दौर से हम सब जल्द से जल्द बाहर आयें। और हम सब फिर से एक नये दौर की शुरुआत करें। जहां खुशी और आपसी मेल मुहब्बत के साथ हर कोई मिल जुल कर रहे।

-Little-Star







Monday, July 6, 2020

Poetry on Sonu Sood | Aasmaa se Aage | Little_Star


                                   सोनू सूद





सोनू ओ सब के सोनू
कैसे वह सूद तेरा
हम सब अदा करेंगे
तूने किया जो सब का
बेलौस बेगरज़ से                                
कोई इसे है समझे 
मशहूरियत का तड़का
लेकिन वह काम तेरा
और वह लगन तुम्हारी
समझे वही है इसको
आंखों से जिसने देखा
कामों को तेरे देखा
कोशिश को तेरे माना
दुनिया ने जिसको देखा
तेरी वह टीम सोनू
लगती थी हमको ऐसी
जैसे कोई लड़ाई
लड़ने वह जा रहे हैं
करने फतह वह जैसे
कोई किला बड़ा सा
और फिर फतह किया भी
हर एक दिलों को तूने
सब के दिलों पे तूने
नेकी और प्यार के
झंडे लगा दिये हैं
हर कोई तकता ऐसे
जैसे कोई फरिश्ता
धरती पे आ गया हो
दिल को ना जाने कितने
उम्मीद को जगाया
उम्मीद भी वह ऐसी
 जिसको किया मुकम्मल
आंखें जो थक गयी थी
राहों को तकते-तकते
अपनों के इंतेज़ार में
और घर के दीदार में
तूने जो राह बनाई
राहें संवर गई है
हंसते हैं हर वह चेहरे
घर को जो जा रहे हैं
रस्ते भी देख सबको
यूं मुस्कुराए जा रहे हैं
जैसे कोई हो अपना
उसको गले लगा ले
तूने क्या जो सोनू
कैसे चुकाएं उसका
वह सूद जो है बाकी
वह मूल जो है बाकी।

-Little-Star



🖋️ नेकी करने के बहुत से रास्ते हैं। सोनू सूद के पास दौलत थी और उन्होंने अपनी दौलत का सही इस्तेमाल किया। जिसकी वजह से उन्होंने बहुत सारी दुआएं कमा ली।

🖋️ कहते हैं दौलत खत्म हो सकती है लेकिन दुआएं नहीं।

🖋️ सोनू सूद ने जितनी दौलत खर्च की उससे कहीं ज़्यादा दुआएं कमा लीं।

🖋️  कहते हैं दुआ से दौलत मिल सकती है लेकिन दौलत से दुआ नहीं। लेकिन आज सोनू सूद ने दौलत खर्च करके दुआएं अपने नाम कर गये।

🖋️ आप के पास जो हो उसी से दूसरों की मदद करें।

🖋️ किसी को सही राह दिखा देना, किसी को सही मशवरा दे देना या किसी के कुछ भी काम आ जाना भी एक नेकी है।

🖋️ अक्सर हम सोचते हैं कि हमारे पास देने के लिए कुछ नहीं। लेकिन हम गलत होते हैं क्योंकि हर किसी के पास कुछ ना होते हुए भी बहुत कुछ होता है।

🖋️  दुनिया में कमाने के लिए बहुत कुछ है। यह अलग बात है कि हम सिर्फ दौलत कमाना चाहते हैं।



🖋️ लॉकडाउन की वजह से लाखों मज़दूर जहां कहीं काम रहे थे फंस गये थे। क्योंकि कोरोनावायरस की वजह से सब काम बंद था। और ट्रांसपोर्ट भी बंद थे। और हर कोई घर जाना चाहता था। लेकिन लॉकडाउन की वजह से कोई कहीं आ-जा नहीं सकता था। ऐसे वक्त में जब मज़दूरों के पास अपने घर जाने का कोई रास्ता नहीं बचा तो मज़दूरों ने पैदल ही घर जाना शुरू कर दिया।

🖋️ तब सोनू सूद ने बस के जरिए से लोगों को उनके घर तक पहुंचाने का इरादा किया। और twitter पर उन्होंने अपना Whatsapp  नम्बर दिया कि जो कोई भी मुंबई से अपने घर जाना चाहता है वह सोनू सूद और उनकी टीम से सम्पर्क करे।

🖋️ इस काम को सोनू सूद और उनकी टीम ने बहुत अच्छे से किया। 

🖋️ सोनू सूद की वजह से ना जाने कितने ही प्रवासी अपने घर पहुंच पाए।

🖋️ सोनू सूद ने जो किया वह कहानी नहीं बल्कि हकीकत है और इस हकीकत से किसी को कोई इनकार नहीं।

-Little-Star